ऐसा रंगा प्रीत में तूने, दूजा रंग भी भाए न। ऐसा रंगा प्रीत में तूने, दूजा रंग भी भाए न।
नारी ही पूजा बाद में सब काम दूजा नारी ही पूजा बाद में सब काम दूजा
दूजा कोई बन जाए श्मशान ऐसी किसी की औकात नहीं। दूजा कोई बन जाए श्मशान ऐसी किसी की औकात नहीं।
भारत में होती है हर धर्म की अपनी पूजा सभी का मजहब एक भारत यहां ना हो कोइ दूजा। भारत में होती है हर धर्म की अपनी पूजा सभी का मजहब एक भारत यहां ना हो...
होता है नत माथा। कान्हा गोकुल नाथा। होता है नत माथा। कान्हा गोकुल नाथा।
ये तख़्तों ताज हुकूमत कब तलक वो सब भी वहाँ है जहाँ हम थे। ये तख़्तों ताज हुकूमत कब तलक वो सब भी वहाँ है जहाँ हम थे।